शनिवार, 4 सितंबर 2010

राहुल जी! यह जो पब्लिक है...

मैने टीवी पर आज कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी को बिहार में एक सभा को संबोधित करते हुए सुना। वह कह रहे थे कि देश के कई राज्य विकास की दौड़ में कहां से कहां निकल गए, लेकिन बिहार वहीं का वहीं है। अव्वल तो राहुल गांधी को मालूम होगा कि बिहार में अधिकांश समय तक कांग्रेस की ही सरकार रही है। यदि लालू यादव सरकार की बात करें तो वह भी कांग्रेस सरकार द्वारा समर्थित थी और उस सरकार द्वारा किए गए सभी अच्छे-बुरे कार्यों के लिए समान रूप से भागी भी है। यह माना जाता है कि बिहार को पीछे पहुंचाने में और उस राज्य की छवि खराब करने में लालू यादव का अहम योगदान है। फिर कांग्रेस पार्टी अपनी जिम्मेदारी से कैसे बच सकती है? कोई यह कह सकता है कि उनकी माता श्रीमती सोनिया गांधी द्वारा लालू को समर्थन देने का निर्णय लेने का दोष राहुल के सिर क्यों मढ़ा जाए? ठीक है। पर राहुल यह कह सकते थे कि कांग्रेस ने इस राज्य के प्रति जिम्मेदारी निभाने में अर्कमण्यता दिखाई है जिसके लिए मैं माफी मांगता हूं और बिहार की जनता का कांग्रेस पर एक बार फिर से विश्वास करने का मौका मांगने आया हूं। उलटे वह बिहार की जनता को अकर्मण्य ठहराते हुए उसे ही आइना दिखाने लगे कि और राज्य कहां से कहां निकल गया पर बिहार वहीं का वहीं है। राहुल जी यह जनता है सबकुछ जानती है। मैंने देखा कि वे लिखा हुआ पढ़कर भाषण दे रहे थे। मतलब बिहार की सच्चाई के बारे में उन्हें मालूम नहीं है। वे वही बोल रहे थे जो बोलने के लिए उनको राज्य कांग्रेस के नेताओं द्वारा दिया गया था। बीच-बीच में वे अंग्रेजी के शब्द भी बोल रहे थे। इससे लोग प्रभावित नहीं होंगे। यह पब्लिक है... यह सब जानती है। राहुल एक और बात कह रह थे कि युवाओं को मौका देना चाहिए। आजकल वे अपने क्यूट चेहरे से युवाओं को प्रभावित करने में लगे हैं। वास्तविकता यह है कि युवाओं को लेकर न तो उनके पास और न ही उनकी पार्टी के पास कोई नीति है। केवल युवा-युवा करने से कुछ नहीं होता। वे यह तो बताएं कि बिहार में उनके पास कौन ऐसा नेता है जिसे वहां की जनता स्वीकार कर सके या फिर लालू-नीतीश को टक्कर दे सके। कांग्रेस ने बिहार में लालू को समर्थन देकर जो पाप किया उसे वहां की जनता भूली नहीं है। जिस समय बिहार की जनता लालू के कुशासन से त्राहि-त्राहि कर रही थी कांग्रेस का आलाकमान लालू के साथ गलबहियां कर रहा था। कांग्रेस को अभी बिहार में वहां की जनता का विश्वास प्राप्त करने के लिए बहुत मेहनत करने की आवश्यकता है। तब तक कांग्रेस और राहुल बिहार में इंतजार करें।

1 टिप्पणी:

  1. राहुल गाँधी को शायद पता नहीं की भ्रष्टाचार और नैतिक पतन का स्तर बिहार में उनके दिल्ली राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से कम है ..नितीश जी बेशक दूध के धुले नहीं हैं लेकिन कांग्रेस के राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी से बड़ा है उनका कद भ्रष्टाचार को रोकने में ..

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